सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरी यह कोशिस अगर आपको पसंद आये तो ब्लॉग के सदस्य बनकर मेरा उत्साह बढ़ाते रहे अगर आप बिना कुछ लिखे चले भी गए तो भी मुझे खुशी होगी
वक्त बड़ा आजीब होता है इसके साथ चलो तो तो किस्मत बदल देता है न चलो तो किस्मत को ही बदल देता है|
न जाने आप पे इतना यकीन क्यों है आप का ख्याल इतना हसीन क्यों है, सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है तो आँख से निकला ये आँसू नमकीन क्यों है |
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है,
मैं तुझसे दूर कैसा हुँ तू मुझसे दूर कैसी है
ये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है !
मुहब्बत एक एहसानों की पावन सी कहानी है कभी कबीरादीवाना था कभी मीरा
दीवानी है,यहाँ सब लोग कहते है मेरी आँखों में आसूँ हैं जो तू समझे तो मोती है जो न समझे तो पानी है !
कुछ रिश्ते ऐसे होते है जिनका कोई नाम नहीं होता है लेकिन वो नाम वाले रिश्ते से भी जादा मजबूत होते है |
कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको, चलो ऐसा करो भूला दो मुझको, तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको |
सांसो का पिंजरा किसी दिन टूट जायेगा फिर मुसाफिर किसी राह में छूट जायेगा अभी साथ है तो बात कर लिया करो क्या पता कब साथ छूट जायेगा...
जो आपने न लिया हो, ऐसा कोई इम्तहान न रहा,
इंसान आखिर मोहब्बत में इंसान न रहा,
है कोई बस्ती, जहा से न उठा हो ज़नाज़ा दीवाने का,
आशिक की कुर्बत से महरूम कोई कब्रस्तान न रहा
जिसने भी कोशिश की इस महक को नापाक करने की,
इसी दुनिया में उसका कही नामो-निशान न रहा,
जिसे मिल गयी मोहब्बत वो बादशाह बन गया,
कुछ और पाने का उसके दिल को अरमान न रहा
कल फुर्सत न मिली तो क्या होगा! इतनी मोहलत न मिली तो क्या होगा!
रोज़ कहते हो कल मिलेंगे, कल मिलेंगे! कल मेरी आँखे न खुली तो क्या होगा!
फूल खिलते हैं खिल कर बिखर जाते है! फूल खिलते हैं खिल कर बिखर जाते हैं!
यादे तो दिल में रहती है दोस्त मिल कर बिछड़ जाते है!
अरे हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहाँ दम था.
मेरी हड्डी वहाँ टूटी, जहाँ हॉस्पिटल बन्द था.
मुझे डॉक्टरों ने उठाया, नर्सों में कहाँ दम था.
मुझे जिस बेड पर लेटाया, उसके नीचे बम था.
दिल के टूटने से नही होती है आवाज़! आंसू के बहने का नही होता है अंदाज़!
गम का कभी भी हो सकता है आगाज़! और दर्द के होने का तो बस होता है एहसास!
मुझे तो बम से उड़ाया, गोली में कहाँ दम था.
और मुझे सड़क में दफनाया, क्योंकि कब्रिस्तान में फंक्शन था |
मुझे जिस एम्बुलेन्स में डाला, उसका पेट्रोल ख़त्म था. मुझे रिक्शे में इसलिए बैठाया, क्योंकि उसका किराया कम था.
ये दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते है कभी दूर तो कभी क़रीब होते है
दर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते है और दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है ...
बड़ी कोशिश के बाद उन्हें भूला दिया! उनकी यादों को दिल से मिटा दिया!
एक दिन फिर उनका पैगाम आया लिखा था मुझे भूल जाओ! और मुझे भूला हुआ हर लम्हा याद दिला दिया!
एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,
हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर,
मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना,
हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर...
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें